"असमान्य योद्धा: शिवाजी की अद्वितीय रणनीति" 

एक समय की बात है, शिवाजी महाराज के सम्राट शाहजहां के दरबार में एक बड़ा खिलवार चला था। शाहजहां ने शिवाजी से मिलने का इरादा किया था। शिवाजी ने यह सुनकर अपने सैन्य के साथ दरबार की ओर रुख किया।

शाहजहां ने शिवाजी से पूछा, "तुम्हारे पास तो बहुत छोटी सी सेना है, मेरे सम्राटीय सेना के सामने तुम्हारी सेना कैसे टिकेगी?"

शिवाजी ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "महाराज, सेना की बड़ाई संख्या में नहीं, साहस और योजना में होती है।"

शाहजहां ने हंसते हुए कहा, "तुम्हारी बहादुरी पर मुझे विश्वास नहीं है।" शिवाजी ने इस पर विचार किया और फिर एक छोटे से पुश्तैनी बॉक्स को खोला और उसमें एक सिरस्ते की तोप दिखाई।

शाहजहां हैरान होकर पूछा, "यह क्या है?"

शिवाजी ने कहा, "महाराज, बड़ी संख्या में सेना होने के बजाय, हमारी सेना में है सिर्फ यह एक शक्तिशाली तोप, लेकिन इस तोप में इतनी अद्वितीय ताकत है कि एक ही बार में हम आपकी सारी सेना को पराजित कर सकते हैं।"

इस पर शाहजहां ने शिवाजी की होशियारी को स्वीकार किया और उन्हें अपने सम्राटीय सेना के एक महान योद्धा के रूप में माना। इस किस्से ने दिखाया कि बुद्धिमानी और योजना से छोटी सी सेना भी बड़े सेना को हरा सकती है।