"शौर्य की रानियाँ: जौहर के अद्वितीय किस्से"

पहला जौहर किसने किया था?

पहला जौहर रानी पद्मिनी द्वारा किया गया था। उनके जौहर का समय 1303 ईसापूर्व में हुआ था, जब सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था।

रानी पद्मिनी ने अपनी आत्महत्या के लिए जौहर का निर्णय लिया था ताकि वह सुल्तान के हाथों न आएं और अपने धर्म और सम्प्रदाय की आदर्श रानी बनी रहें। 

रानी पद्मिनी का जौहर भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में जाना जाता है। 

दूसरा जौहर किसने किया था?

दूसरा जौहर कर्णावती के नेतृत्व में हुआ था। यह घटना सन् 1535 में घटित हुई थी, जब गुजरात के बादशाह बहादुर शाह ने चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था।

महाराणी कर्णावती ने अपने साथ अनेक महिलाओं को संगठित कर जौहर का निर्णय लिया ताकि वे अपने धर्म, समाज और अपनी आजादी के प्रति समर्पित रहें।

तीसरा  जौहर किसने किया था? 

1567 में तीसरा जौहर हुआ, जब अकबर ने चित्तौड़ पर हमला किया। इस समय रानी फूलकंवर ने हजारों रानियों के साथ जौहर किया। 

इस युद्ध में जयमल-फत्ता भी शहीद हुए, जो इतिहास में एक महान योद्धा के रूप में याद किए जाते हैं।