एक रोचक कहानी है अब्दुल कलाम की, जो हमें उनके नैतिक मूल्यों और अद्भुत व्यक्तित्व के बारे में बताती है।
एक बार अब्दुल कलाम एक बच्चे से मिले, जो उन्हें एक प्रश्न पूछने के लिए उत्सुक था। बच्चा पूछता है, "सर, आपने अपने जीवन में किस बात को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना?"
अब्दुल कलाम मुस्कुराते हुए उत्तर देते हैं, "मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं हमेशा ईमानदार रहूं, और जितनी संभव हो सके, दूसरों की सहायता करूं।"
इस संवाद से बच्चा हैरान हो जाता है और पूछता है, "लेकिन सर, क्या आपने कभी किसी सपने को पूरा करने का सपना नहीं देखा?"
अब्दुल कलाम कहते हैं, "बिल्कुल, मैंने बहुत सारे सपने देखे हैं, और मैंने भी उन्हें पूरा किया है। लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है कि हम सच्चाई और नैतिकता के मार्ग पर चलें।"
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्व ने कैसे सच्चाई और नैतिकता को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया।
उनकी यह कहानी हमें यह बताती है कि सपनों को पूरा करने के साथ-साथ, हमें हमेशा ईमानदार और नैतिक बने रहना चाहिए।