"हनुमानजी की अद्भुत सूर्य सेवा: शक्ति का प्रदर्शन और सहायता की महत्ता"

एक समय की बात है, हनुमानजी की एक अद्भुत कहानी थी। एक दिन, हनुमानजी ने सूर्य को देखा कि वह एक बड़ी समस्या का सामना कर रहा है।

सूर्य ने हनुमानजी से कहा, "हे हनुमान, मेरी रथ की रोशनी का आधा हिस्सा विनाश हो गया है और अब मैं समय पर समाप्त हो रहा हूँ। कृपया मेरी समस्या का समाधान करो।"

हनुमानजी ने सूर्य के विनाश को देखते हुए तत्काल काम में लग गए। 

उन्होंने अपनी विशाल आकार को बड़े सूर्य के आगे खड़ा किया और अपनी पर्वत जैसी शक्ति से उन्हें संध्या वेला पर्वत के पीछे से निकल आए ताकि सूर्य की रथ में उजाला आ सके।

सूर्य ने हनुमानजी की समर्पण और शक्ति की प्रशंसा की और उन्हें आशीर्वाद दिया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी शक्तियों का उपयोग करके दूसरों की सहायता करना चाहिए।  

हनुमानजी का अद्भुत कार्य हमें यह दिखाता है कि सहायता करना और उसका सम्मान करना किसी भी समय महत्वपूर्ण हो सकता है।